कुंभ मेले का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

*माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई॥ देव दनुज किंनर नर श्रेनीं। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनीं॥ भावार्थ:-माघ में

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