पुत्रैषणा त्यागें, अपना पिंडदान जीते जी स्वयं करें
माता पिता को अपने पुत्र के लिए बड़ी चिन्ता रहती है, परन्तु पुत्रैषणा के साथ ही अनेक वासनाएँ भी आती
Read moreमाता पिता को अपने पुत्र के लिए बड़ी चिन्ता रहती है, परन्तु पुत्रैषणा के साथ ही अनेक वासनाएँ भी आती
Read moreजीवन में घर का बहुत महत्त्व है। गृह्य से घर शब्द बना है। गृह होने परही विवाह हेतु गृहिणी मिलती
Read moreबीसवीं और इक्कीसवीं शताब्दी में सर्वाधिक चर्चित स्मृति रही है देवल स्मृति। इसमें हिन्दू से मुसलमान या ईसाई बने व्यक्ति
Read moreराजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गये, और तक्षक (सर्प) के
Read moreहिन्दू शास्त्रों के अनुसार यदि आप चैन से जीना चाहते हैं तो अपने जीवन की ये नौ बातें कभी भी
Read more‘एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति’। दो लिंग : नर और नारी । दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। दो
Read moreयह ज्ञान अपनों बच्चों को अवश्य बताऐं,बहुत परिश्रम से यह सब एकत्रित किया है। 10 कर्तव्य:-* 1.संध्यावंदन, 2.व्रत, 3.तीर्थ, 4.उत्सव,
Read moreकभी आपने सोचा है कि प्राचीन मंदिरों में कुंआ या कोई जलाशय क्यों होता है? कभी इस बात पर विचार
Read moreशास्त्रों में पत्नी को वामंगी कहा गया है, जिसका अर्थ होता है बाएं अंग का अधिकारी। इसलिए पुरुष के शरीर
Read more