ध्यान क्या क्यों कैसे
ध्यान एक यौगिक प्रक्रिया है। ध्यानयोग की चरम उप्लब्धि है–समाधि। बिना समाधि को उपलब्ध हुए अन्तर्जगत् में प्रवेश नहीं किया
Read moreध्यान एक यौगिक प्रक्रिया है। ध्यानयोग की चरम उप्लब्धि है–समाधि। बिना समाधि को उपलब्ध हुए अन्तर्जगत् में प्रवेश नहीं किया
Read moreसंध्याकाल ….. दो श्वासों के मध्य का संधिकाल “संध्या” कहलाता है जो परमात्मा की उपासना का सर्वश्रेष्ठ अबूझ मुहूर्त है
Read moreहमें अपने हृदय में भगवान की भक्ति को और अधिक गहनता व दृढ़ता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिये ….
Read moreमैं जो लिखने जा रहा हूँ वह पूरी सत्यनिष्ठा और पूर्ण ह्रदय से लिख रहा हूँ जिसके परमात्मा साक्षी हैं।
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