क्या हैं हिन्दू घर की विशेषताएं
जीवन में घर का बहुत महत्त्व है। गृह्य से घर शब्द बना है। गृह होने परही विवाह हेतु गृहिणी मिलती
Read moreजीवन में घर का बहुत महत्त्व है। गृह्य से घर शब्द बना है। गृह होने परही विवाह हेतु गृहिणी मिलती
Read moreव्यवहार में मन, बुद्धि और चित्त का एक सा ही प्रयोग कर देते हैं कई बार, किन्तु तत्व देखें तो
Read moreकाश्याम् मरणान् मुक्ति: === “असारे खलु संसारे सारमेतच्चतुष्टयम् । काशी वास: सतां सङ्गो गङ्गाम्भ: शिवपूजनम् ।।” इस असार संसार में
Read moreराजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गये, और तक्षक (सर्प) के
Read moreधर्म की संस्थापना के लिये श्रीविष्णु हर महायुग में दश अवतार लेते हैं,जिनमें अन्तिम तो महायुग के अन्त में आते
Read moreमन अति चञ्चल वलवान् मथडालने वाला है, उसे रोकना वायु को रोकने की भाँति बहुत कठिन है; ऐसा अर्जुन ने
Read moreहिन्दू शास्त्रों के अनुसार यदि आप चैन से जीना चाहते हैं तो अपने जीवन की ये नौ बातें कभी भी
Read moreयह ज्ञान अपनों बच्चों को अवश्य बताऐं,बहुत परिश्रम से यह सब एकत्रित किया है। 10 कर्तव्य:-* 1.संध्यावंदन, 2.व्रत, 3.तीर्थ, 4.उत्सव,
Read moreशास्त्रों में पत्नी को वामंगी कहा गया है, जिसका अर्थ होता है बाएं अंग का अधिकारी। इसलिए पुरुष के शरीर
Read moreमृत्यु का विवाह काल से हुआ है। यह सौभाग्यवती है। इसकी भी आयु निर्धारित है।अतः यह भी गलतकाम करने से
Read more