श्रीगणेश गीता में योग
वरेण्य उवाच किं सुखं त्रिषु लोकेषु देवगन्धर्वयोनिषु । भगवन् कृपया तन्मे वद विद्या विशारद ।।२०।। अर्थ:- वरेण्य बोले – भगवन्
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Read more(श्री अर्जुन द्वारा श्री कृष्ण का चयन क्यों?) विराट नगर में श्री अर्जुन संध्या वन्दन कर अभी आसन पर ही
Read moreसनातन धर्म के अठारह पुराणों के बारे में सभी हिंदुओं को जानना चाहिए। पुराण शब्द का अर्थ है प्राचीन कथा।
Read more।।।।।।।।।। ।। ॐ ।।।।।।।।।। ।।।।।। श्री गणेशायः नमः ।।।।।।। *श्री जानकी वल्लभो विजयते * ——-श्रीरामचरितमानस ———– * षष्ट सोपान *
Read more(गणपति का आधिदैविक स्वरूप): ॐ नमस्ते गणपतये ॥ त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि ॥ त्वमेव केवलं कर्तासि ॥ त्वमेव केवलं धर्तासि ॥
Read moreआइये सभी अट्ठारह पुराणों के कुछ पहलुओं को संक्षिप्त में समझने की कोशिश करते हैं। प्रस्तुति विस्तृत है, इसलिए शेयर
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