सर्व प्रकाशिका नगरी काशी
काश्याम् मरणान् मुक्ति: === “असारे खलु संसारे सारमेतच्चतुष्टयम् । काशी वास: सतां सङ्गो गङ्गाम्भ: शिवपूजनम् ।।” इस असार संसार में
Read moreकाश्याम् मरणान् मुक्ति: === “असारे खलु संसारे सारमेतच्चतुष्टयम् । काशी वास: सतां सङ्गो गङ्गाम्भ: शिवपूजनम् ।।” इस असार संसार में
Read moreमृत्यु का विवाह काल से हुआ है। यह सौभाग्यवती है। इसकी भी आयु निर्धारित है।अतः यह भी गलतकाम करने से
Read moreविचारों में अपवित्रता होना भी किसी पाप से कम नहीं। हिंदू शास्त्र में मनुष्य जीवन से संबंधित ऐसी कई बातें
Read moreनवरात्रि में घटस्थापना का बहुत महत्व होता है। नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से की जाती है। शुभ मुहूर्त में कलश
Read moreमनुष्यका निश्चय एक होना चाहिए और वह परमात्माकी तरफ ही हो सकता है , क्योंकि वह एक है । संसारमें
Read more(गणपति का आधिदैविक स्वरूप): ॐ नमस्ते गणपतये ॥ त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि ॥ त्वमेव केवलं कर्तासि ॥ त्वमेव केवलं धर्तासि ॥
Read moreजो कुछ भी शास्त्रों के अनुसार हो, वही आदर्श तथा लाभदायक सिद्ध होता है । यदि श्रीगणेशजी की मूर्ति मूर्तिविज्ञान
Read moreआइये सभी अट्ठारह पुराणों के कुछ पहलुओं को संक्षिप्त में समझने की कोशिश करते हैं। प्रस्तुति विस्तृत है, इसलिए शेयर
Read more“माता मैं आ रहा हूँ”- कंस के कारागार में बंद देवकी के कानों में एकाएक यह कैसा, किसका मिश्री सम
Read moreद्रोणाचार्य सरीखे शास्त्रज्ञ गुरु भी धर्म का तत्व नहीं समझ पाए। भीष्म पितामह जैसे धर्म सम्राट को भी धर्म का
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