शिवजी का निर्गुण व सगुण स्वरूप
कुंद इंदु सम देह उमा रमन करुना अयन। जाहि दीन पर नेह करउ कृपा मर्दन मयन॥ भावार्थ:-जिनका कुंद के पुष्प
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Read moreजानिये किन परिस्थितियों में हुई “श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र” की रचना, साथ ही शिव रुद्राष्टक स्त्रोत भावार्थ सहित … भगवान
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