हनुमान जी के नौ चमत्कारी मंदिर

हनुमान जी के नौ चमत्कारी मंदिर जहां भक्तों की सुनते हैं हनुमान

मेहंदीपुर बालाजी भगवान हनुमान जी का एक मंदिर है, जो राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है। यहाँ स्थित हनुमानजी की चमत्कारी शक्ति की वजह से सभी इनकी पूजा अर्चना करते है और इनमे आस्था रखते है। भारत के कुछ भागों में हनुमानजी को बालाजी नाम से भी बुलाया जाता है जो उनके बचपन का नाम है। इस नाम का संस्कृत और हिंदी में अधिक उपयोग होता है।

यहाँ बाला जी की मूर्ति में छाती के बाये तरफ एक छोटा सा छेद है, जिसमे से हमेशा जल की एक पतली धारा बहती रहती है। इस जल को एक टैंक में इकठ्ठा करके भगवान बाला जी के चरणों में रख कर लोगो में वितरित किया जाता है और सभी लोग इसे प्रसाद की तरह लेते है।

बिहार के दरभंगा जिला में राज परिसर में स्थिति यह है मनोकामना मंदिर । इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि, यहां से मांगी गयी मुरादें जरूर पूरी होती है । इसलिए इस मंदिर का नाम ही मनोकामना मंदिर पड़ गया है । इस मंदिर में स्थित हनुमान जी से अपनी मनोकामना पूरी करवाने का तरीका अनूठा है ।

लोग हनुमान जी के मंदिर पर अपनी मनोकामना लिखकर मंदिर की परिक्रमा करते हैं और मन ही मन प्रार्थना करते हैं की उनकी मुराद पूरी हो जाए । महत्वपूर्ण बात यह है कि मंदिर की दीवार पर जहां भी नजर डालेंगे आपको मन्नत लिखी नजर आएगी ।

प्रयाग में संगम तट पर हनुमान जी का एक मंदिर है जहां हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति है । पूरे भारत में यह अनोखा मंदिर है जहां हनुमान जी लेटे हुए मिलते हैं । कहते हैं यहां हनुमान जी को लाल सिंदूर का लेप करने से भक्तों की मनोकामना पूरी कर देते हैं श्री हनुमान।

इसके पीछे मान्यता है कि लंका में युद्ध करते हुए हनुमान जी काफी थक गए थे जिससे लेट गए । देवी सीता ने थके हुए हनुमान जी को देखकर सिंदूर का लेप लगाए जिससे हनुमान जी के शरीर में नव जीवन का संचार हुआ ।

ये हैं महाकाल की नगरी उज्जैन में स्‍थित अखंड ज्योति बजरंगबली । नाम के अनुसार इस मंदिर की खूबी है कि यहां की ज्योति कभी बुझती नहीं है । यहां हनुमान जी अपने भक्तों की मुराद पूरी करते हैं वह भी बहुत ही आसान तरीके से । आटे का दीप बनाकर एक दिया जलाकर हनुमान जी के पास रख दीजिए। हनुमान जी शनि की साढ़साती से लेकर दूसरे दुख भी दूर कर देते हैं ।

राजस्‍थान के चुरु जिले में हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है जिसे सालासर बालाजी के नाम से जाना जाता है । इस मं‌दिर में मौजूद हनुमान जी के दाढ़ी मूंछ हैं । मंदिर में एक वृक्ष जिस पर भक्तजन नारियल एवं ध्वजा चढ़ाते हैं तथा लाल धागे बांधकर मन्नत मांगते हैं । मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त हनुमान जी को ध्वजा नारियल तथा छत्र आदि भेंट करते हैं । कुछ भक्त यहां सावामणी भोग भी अर्पित करते हैं ।

कानपुर में पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर है । कहते हैं यहां हनुमान का लवकुश से युद्ध हुआ था‌ । हनुमान जी ने जब यह जान लिया कि लवकुश श्रीरामचन्द्र जी के पुत्र हैं तब स्वयं ही युद्ध में हार गए । माता सीता ने जब हनुमान जी को बंधन में देखा तो बंधन मुक्तकर उन्हें लड्डूओं का भोग लगाया । कहते हैं तभी से यहां हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाने की परंपरा है और इसी से हनुमान जी भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी मुरादें पूरी कर देते हैं ।

झांसी के ग्वालियर रोड पर स्थित है हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर यहां हनुमान जी सखी रूप में स्थित हैं । इस हनुमान मंदिर की खूबी है कि जो लोग कन्या संतान की इच्छा रखते हैं उन्हें हनुमान जी निराश नहीं करते ।

पूरी दुनिया में अनोखा इंदौर में स्थित हनुमान जी का यह मंदिर है । यहां हनुमान जी का सिर नीचे और पैर ऊपर है इसलिए यह उलटे हनुमान जी कहलाते हैं । मान्यता है कि अहिरावण से भगवान राम और लक्ष्मण जी की रक्षा के लिए हनुमान जी ने यहीं से पाताल में प्रवेश किया था ।

इसलिए जमीन की ओर इनका सिर है । इस मंदिर की मान्यता है कि तीन या पांच मंगलवार यहां हनुमान जी के दर्शन करने से भक्त की मनोकामना पूरी होती है । यहां हनुमान जी को लंगोटा चढ़ाने की भी मान्यता है ।

यह है चित्रकूट का हनुमान धारा मंदिर । यहां प्रभु श्रीराम जी के कहने पर हनुमान जी ने अपना ठिकाना बनाया । कहते हैं इनके दर्शन से भौतिक एवं दै‌हिक ताप दूर होता है ।

स्त्रोत : अमर उजाला

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