श्रीगणेश गीता में योग
वरेण्य उवाच किं सुखं त्रिषु लोकेषु देवगन्धर्वयोनिषु । भगवन् कृपया तन्मे वद विद्या विशारद ।।२०।। अर्थ:- वरेण्य बोले – भगवन्
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Read moreजीवन में घर का बहुत महत्त्व है। गृह्य से घर शब्द बना है। गृह होने परही विवाह हेतु गृहिणी मिलती
Read moreमन अति चञ्चल वलवान् मथडालने वाला है, उसे रोकना वायु को रोकने की भाँति बहुत कठिन है; ऐसा अर्जुन ने
Read moreहिन्दुओ के प्रमुख त्योहार में से एक अक्षय तृतीया इस वर्ष 7 मई मंगलवार के दिन मनाई जाएगी जानिए इस
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Read moreझारखंड के गुमला जिले में गन्धमादन पहाड़ पर स्थित है टांगीनाथ धाम। दावा किया जाता है कि इस पहाड़ी पर
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Read moreभले ही यह प्रसंग इतिहास में न आया हो किन्तु इसे जन-श्रुति या लोक-श्रुति कह सकते हैं ! श्रीनाथद्वारा में
Read more(श्री अर्जुन द्वारा श्री कृष्ण का चयन क्यों?) विराट नगर में श्री अर्जुन संध्या वन्दन कर अभी आसन पर ही
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