जानें ग्रहण का क्या होगा आप पर प्रभाव, क्या करें दान

खगोलीय दृ्ष्टि से जब सूर्य पर चंद्रमा की छाया पड़ती है तब सूर्य ग्रहण लगता है। आगामी २१ जून को चूड़ामणि सूर्य ग्रहण (उत्तर भारत में कँकणाकृति व अधिकतर स्थानों में खंडग्रास) प्रातः: १०: २० से १:४७ तक दिल्ली में) है। इसका सूतक बारह घण्टे पहले लगेगा। ज्योतिष व आध्यात्मिक दृ्ष्टि से इस प्रकार के ग्रहण का बहुत महत्त्व होता है।

प्रत्येक जीव की जन्म कुण्डली का ग्रहण कुण्डली के साथ समायोजन कर ग्रहण के प्रभाव का वर्णन किया जाता है। सभी १२ राशियों के तत्वानुसार, गुणानुसार ग्रहण का शुभाशुभ फल होता है ।

इस कारण प्रत्येक व्यक्ति को यह जानने का प्रयास अवश्य करना चाहिये कि आगामी ग्रहण के शुभत्व को कैसे बढ़ाएँ अथवा अशुभ प्रभाव को किस उपाय से दूर किया जा सकता है।

ग्रहण जितने घण्टे तक रहता है उतने ही वर्ष तक जातक पर ग्रहण का प्रभाव रहता है। सूर्य ग्रहण में प्रभाव ग्रहण के वर्ष व चंद्र ग्रहण का प्रभाव ग्रहण अवधि के महीनों तक व्याप्त रहता है। ग्रहण का प्रभाव उस स्थान पर ही होता है जहां यह दिखेगा।

आप सभी प्रबुद्ध सदस्यगण अपनी अपनी राशि के अनुसार अपने अथवा परिवार या प्रियजनों के ऊपर पड़ने वाले ग्रहण के दुष्प्रभाव निवारण हेतु उचित उपाय जान सकते हैं। इसके लिए आप क्रमशः अपना प्रचलित नाम, जन्म की दिनांक/महीना/सन; जन्म समय (am/pm) व जन्म स्थान हमें आज दिनांक १९ जून को ही प्रेषित करें। यदि आपके पास ये तीनों जानकरियाँ न हों तो अपना प्रचलित नाम मात्र ही भेजें। चूँकि जन्मपत्री का विवरण सार्वजनिक करना उचित नहीं माना जाता अतः आप अपना या अपने परिवारजनों का विवरण हमें व्यक्तिगत रूप से WhatsApp द्वारा भेज सकते हैं।

आज के लिये यह धर्मधारा की निशुल्क सेवा है, पर श्रद्धाभाव से आप कुछ भी दक्षिणा अर्पित करेंगे तो वो स्वीकार्य होगी।

आचार्य महेश तिवारी, टीम धर्मधारा

दूरभाष: 9105360645

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