मुझे श्री कृष्ण ही चाहिए

(श्री अर्जुन द्वारा श्री कृष्ण का चयन क्यों?) विराट नगर में श्री अर्जुन संध्या वन्दन कर अभी आसन पर ही

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मकर संक्रांति की महत्ता

“मकर संक्रांति का संबंध अँग्रेजी कैलेंडर की तिथि से न होकर सूर्य के रिलेटिव मोशन से है। इस संदर्भ में

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मन, बुद्धि, चित्त, प्राण, तन्मात्राओं तथा इन्द्रियों में अंतर और इनका सम्बन्ध

नए नवेले अध्यात्म की ओर आने वाले लोगों को लगता है कि मन की शक्ति सबसे बड़ी है, जबकि ऐसा

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क्या ईश्वर का अस्तित्व है ?

आज के अधिकतर युवाओं का यही प्रश्न होता है । वे प्रत्यक्ष को प्रमाण मानते हैं ,किन्तु वे ये नहीं

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धर्म और मननुसार कर्म में अंतर समझें और शास्त्र मर्यादा का अतिक्रमण न करें

बहुत से लोग (विशेषकर आज के नए नवेले मनमौजे सम्प्रदायों वाले) ऐसी बातें करते हैं कि हमें तो सन्ध्या गायत्री

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चैतन्य सूत्र

यदि तुम्हें यह ज्ञात है कि तुम्हें सब कुछ ज्ञात नहीं तो निश्चय ही तुममें सर्वज्ञता प्राप्त करने की क्षमता

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आइये एक लम्बी यात्रा की तैयारी करें …

मैं जो लिखने जा रहा हूँ वह पूरी सत्यनिष्ठा और पूर्ण ह्रदय से लिख रहा हूँ जिसके परमात्मा साक्षी हैं।

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क्या रावण जगद्जननी मां जानकी का हरण कर सकता था?

माता सीता के बारे में निंदनीय बात कहना तथा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के बारे में निराधार बातें कहना…

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क्यों हुआ माँ भगवती का प्रादुर्भाव

‘सत्व गुण’, सत्यता पर आधारित हैं तथा अन्य दोनों गुणों से श्रेष्ठ माना जाता हैं क्योंकि सत्य का पालन अत्यंत

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