मुझे श्री कृष्ण ही चाहिए
(श्री अर्जुन द्वारा श्री कृष्ण का चयन क्यों?) विराट नगर में श्री अर्जुन संध्या वन्दन कर अभी आसन पर ही
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Read moreभगवान् श्री रामजी ने विभीषणजी को कहा है कि नौ जगह मनुष्य की ममता रहती है, माता, पिता, भाई, पुत्र,
Read more“मकर संक्रांति का संबंध अँग्रेजी कैलेंडर की तिथि से न होकर सूर्य के रिलेटिव मोशन से है। इस संदर्भ में
Read moreआज के अधिकतर युवाओं का यही प्रश्न होता है । वे प्रत्यक्ष को प्रमाण मानते हैं ,किन्तु वे ये नहीं
Read moreबहुत से लोग (विशेषकर आज के नए नवेले मनमौजे सम्प्रदायों वाले) ऐसी बातें करते हैं कि हमें तो सन्ध्या गायत्री
Read moreयदि तुम्हें यह ज्ञात है कि तुम्हें सब कुछ ज्ञात नहीं तो निश्चय ही तुममें सर्वज्ञता प्राप्त करने की क्षमता
Read moreमैं जो लिखने जा रहा हूँ वह पूरी सत्यनिष्ठा और पूर्ण ह्रदय से लिख रहा हूँ जिसके परमात्मा साक्षी हैं।
Read moreमाता सीता के बारे में निंदनीय बात कहना तथा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के बारे में निराधार बातें कहना…
Read more‘सत्व गुण’, सत्यता पर आधारित हैं तथा अन्य दोनों गुणों से श्रेष्ठ माना जाता हैं क्योंकि सत्य का पालन अत्यंत
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